श्री त्रिलोक शक्ति अनुष्ठान पूजन समिति, रजि० (सोसायटी एक्ट - 1860, उ०प्र०) रजि० - कार्यालय पंडा टोली, रुद्रपुर
धर्माथ उत्थान के प्रयासों हेतु समर्पित एक संस्था है. समिति एवं समिति के सदस्यों का एक मात्र प्रयास है कि
आधुनिकता
की
चकाचौध में सनातन धर्म के जिनआदर्शों और मूल्यों को लोग भूलते जा रहें हैं उनकी पुनर्स्थापना करना. जिससे कि पुनः
भारतवर्ष विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो सके. संस्था के उद्देश्य निम्नलिखित हैं...
1. सनातन धर्मं का प्रचार प्रसार करना.
2. संस्कृत भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना.
3. समाज में फैले हुए कुरीतियों एवं अंधविश्वासों को दूर कर धर्म के वास्तविक स्वरूप का भान कराना.
4. गरीब कन्याओं का दहेज़ रहित सामूहिक विवाह कराना.
5. पर्यावरण के प्रति सचेत रहना तथा वृक्ष लगाना व् लगाने के लिए प्रेरित करना.
6. प्राकृतिक आपदा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना व् समयोचित सहयोग करना व् लोगों को प्रेरित करना.
7. भारतवर्ष के विभिन्न हिन्दू धर्मस्थलों पर पर्वानुसार कार्यक्रम आयोजित करना.
8. गो सेवा व् गो वंश के रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना.
9. समाज में फैले जाती, उपजाति को ख़त्म कर के समभाव की स्थापना के लिए सदैव तत्पर रहना.
10. भगवान शिव शक्ति को सर्व समर्पित करते हुए प्रत्येक वर्ष अनुष्ठान व् यज्ञ का आयोजन करना जिसका उद्देश्य विश्व
का
कल्याण है.
11. सत्यम शिवम् सुन्दरम की अवधारणा को समिति परिवार अंतिम सत्य मानता है व् इसमें पूर्ण निष्ठा रखता है.
12. भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना व् परम्पराओं को सम्मान सहित आगे बढ़ाना.
श्री दुग्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर अत्यंत ही प्राचीन मंदिर है। उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद
मुख्यालय से तकरीबन 23 किमी दूर स्थित रुद्रपुर उपनगर, उपकाशी के रूप में प्रसिद्ध है। यहां के बाबा
दुग्धेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास पुराना है। चार वर्ष पर लगने वाले अधिक मास पर इस धार्मिक स्थल का
विशेष महत्व है। नीसक पत्थर से बने शिवलिंग को महाकालेश्वर उज्जैन का उपज्योर्तिलिंग माना जाता है।
मान्यता है कि शिवलिंग के स्पर्श मात्र से ही कष्ट दूर हो जाते हैं।
खडगराद दक्षिण तस्तिर्थं परमं पावनं ॥
दुग्धेश्वर मिति ख्यातं सर्वं पाप प्रणाशकं ॥
तत्र स्नानं च दानं च जपः पूजा तपस्थता ॥
सर्वभ्यक्षमता यान्ति दुग्धतीर्थम् प्रभावतः ॥